Belated ITR Deadline: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नियमों के अनुसार टैक्सपेयर्स को 31 जुलाई तक आईटीआर फाइल कर देना होता है। लेकिन यदि कोई करदाता तय समय तक आईटीआर फाइल नहीं कर पाता तो उसे जुर्माने के साथ Belated ITR फाइल करना होता है। इसकी डेडलाइन पहले 31 दिसंबर 2024 थी जिसे बढ़ाकर अब 15 जनवरी 2025 कर दिया गया है।
कई टैक्सपेयर्स तकनीकी दिक्कतों के चलते अपना ITR फाइल नहीं कर पाते, उनके लिए राहत भरी खबर है। दरअसल, बॉम्बे हाई कोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज को बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाने का आदेश दिया है।
बिलेटेड ITR फाइलिंग क्या है?
बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की सुविधा है जो उन सभी टैक्सपेयर्स के लिए होती है जो किसी वजह से 31 जुलाई तक आईटीआर फाइल नहीं कर पाए। इसलिए इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139(4) के तहत पेनाल्टी को चुकाकर बिलेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है। आमतौर पर इसकी डेडलाइन 31 दिसंबर, 2024 होती है, लेकिन High Court के निर्देश द्वारा इसको बढ़ाने का आदेश दिया गया है।
हाई कोर्ट ने क्यों दिया डेडलाइन बढ़ाने का आदेश
दरअसल, चैंबर ऑफ टैक्स कंसल्टेंट्स ने एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की थी। इसमें कहा गया कि आईटीआर यूटिलिटी के प्रोसीजर में विभिन्न प्रकार के बदलाव हुए हैं। इससे टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 87ए के तहत ITR File करने में दिक्कत हो रही है। इसलिए डेडलाइन बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
कितने दिन के लिए बढ़ी डेडलाइन?
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Income Tax File Return) करने की डेडलाइन को कम से कम 15 जनवरी, 2025 तक बढ़ाने के निर्देश दिया है। अब टैक्सपेयर्स बिलेटेड (Belated Income Tax Return) या रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते है।
बिलेटेड आईटीआर रिटर्न कैसे फाइल करें?
Belated ITR File करे के लिए विभाग द्वारा कुछ निर्देश दिए गए है, जिसका पालन करके आसानी से रिटर्न फाइल कर सकते है।
- आयकर विभाग की साइट के ई-फाइलिंग पोर्टल (https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/login) पर जाना होगा.
- पैन नंबर (Pan Number) की मदद से e-Filing Portal पर लॉग-इन करें.
- अपने इनकम सोर्स के हिसाब से सही आईटीआर फॉर्म का सेलेक्शन करें.
- अब FY2023-24 के लिए असेसमेंट ईयर 2024-25 को सेलेक्ट करें.
- यहां इनकम, टैक्स डिडक्शन (Tax Deduction) और बकाया आदि की डिटेल दें.
- अब बकाया ब्याज और पेनल्टी का भुगतान करें और फॉर्म सबमिट करें.
कितनी देनी होती है पेनल्टी?
जिस किसी भी टैक्सपेयर्स की सालाना आमदनी 5 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें 5,000 रुपये की पेनल्टी देनी होती है। वहीं, 5 लाख रुपये से कम इनकम वालों को 1,000 रुपये की पेनल्टी चुकानी पड़ती है। हालाँकि बॉम्बे हाईकोर्ट के द्वारा दिए गए निर्णय से समय रहते बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं।