Nipun Bharat Mission: सरकार ने शुरू की नई शिक्षा निति

NIPUN Bharat Mission : किसी भी राष्ट्र के निर्माण में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। शिक्षा के क्षेत्र को और बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति शुरू की थी, जिसके तहत शिक्षा में कई बदलाव किए गए हैं। इस योजना को NIPUN भारत मिशन नाम दिया गया है और योजना का कार्यान्वयन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। आज के आर्टिकल में हम आपको NIPUN भारत मिशन के बारे में विस्तार से बता रहे हैं, इसलिए हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़ें।

Nipun Bharat Mission Apply Online

इस योजना का पूरा नाम नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी है। यह योजना शिक्षा मंत्रालय द्वारा 5 जुलाई को शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से छात्रों को साक्षरता और संख्या ज्ञान का ज्ञान दिया जाना है।

आज इस लेख के माध्यम से हम आपको NIPUN भारत योजना के बारे में सभी आवश्यक जानकारी देंगे। जैसे- निपुण भारत क्या है? हम आपको इसकी विशेषताएं, उद्देश्य, निपुण भारत योजना नई दिशानिर्देश पीडीएफ जैसे सभी तथ्यों के बारे में जानकारी देंगे, इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

NIPUN Bharat Mission

Yojana NameNIPUN Bharat Mission
Scheme Typecentral government scheme
Age Group3 to 9 years including pre-school to Grade 3
Started Date5 July
Official Websitehttps://www.education.gov.in/en

निपुण भारत मिशन क्या है?

निपुण योजना का उद्देश्य कक्षा 3 से 9वीं तक की बालिकाओं को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान प्रदान करना है। ताकि सभी बच्चे वह क्षमता हासिल कर सकें जिसके माध्यम से छात्र पढ़ने, लिखने, बोलने और समझाने में सक्षम हो सकें। कई ऐसे बच्चे हैं जो काफी समय बाद बुनियादी शिक्षा लेते हैं, उनके लिए यह योजना शुरू की गई है। यह योजना केंद्र प्रायोजित योजना ‘समग्र शिक्षा अभियान’ के तत्वावधान में शुरू की गई है। इस योजना का लाभ सभी सरकारी और निजी स्कूलों को मिलेगा।

निपुण योजना का शुभारंभ हरदीप सिंह पुरी ने किया। यह योजना दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत क्रियान्वित की जाएगी, जिसके माध्यम से एक लाख निर्माण श्रमिकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। जो बच्चों को शिक्षा देने का काम करेंगे. इससे कई नौकरियां भी बढ़ेंगी. इस योजना को सफल बनाने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 5 महिला प्रणालियाँ स्थापित की जाएंगी। यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके माध्यम से 2026 – 2027 तक पढ़ने, लिखने और अंकगणित की समझने योग्य क्षमता प्रदान करना है।

मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के प्रकार

  • मौखिक भाषा का विकास
  • स्वनिम की दृष्ट से जागरूकता
  • डिकोडिंग
  • शब्दावली
  • समझबूझ कर पढ़ना
  • प्रवाह पढ़ें
  • मुद्रण के बारे में अवधारणा
  • लिखना
  • पढ़ने की संस्कृति

निपुण भारत मिशन योजना के हितधारक

  • राज्य और केंद्र शासित प्रदेश
  • राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद
  • केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
  • केन्द्रीय विद्यालय संगठन
  • राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद
  • जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान
  • जिला शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी
  • ब्लॉक संसाधन केंद्र और क्लस्टर संसाधन केंद्र
  • मुख्य शिक्षक
  • गैर सरकारी संगठन
  • नागरिक समाज संगठनों
  • विद्यालय प्रबंधन समिति
  • स्वयंसेवक
  • समुदाय और माता-पिता
  • अशासकीय स्कूल

कुशल भारत मिशन की शुरुआत मुख्य रूप से 3 से 9 साल के बच्चों को ध्यान में रखकर शुरू की गई है। इस आयु वर्ग के बच्चों की शिक्षा पर फोकस रहेगा। ताकि बच्चों की बुनियादी शिक्षा की नींव मजबूत हो सके। NIPUN भारत के तहत वर्ष 2026 – 2027 का लक्ष्य रखा गया है। इसमें प्री स्कूल 1, प्री स्कूल 2 और प्री स्कूल 3 (बाल वाटिका) के बाद ग्रेड 1, ग्रेड – 2 और ग्रेड 3 कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चे शामिल होंगे। भाषा और गणित की बेहतर शिक्षा दी गई।

निपुण भारत मिशन: दीक्षा डिजिटल सामग्री

निपुण भारत योजना के तहत दीक्षा पोर्टल शुरू किया गया है। दीक्षा पोर्टल के माध्यम से ई-कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा, जो स्थानीय भाषा में होगा। इस सामग्री को शिक्षक और छात्र दोनों पढ़ सकते हैं। दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध सभी सामग्री एनसीईआरटी बोर्ड द्वारा तैयार की जाएगी। शिक्षकों के लिए कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी उपलब्ध होंगे।

जैसे प्रशिक्षण मॉड्यूल, प्रशिक्षण सत्रों के लिए सहायक सामग्री, वीडियो, पढ़ने के संसाधन, शिक्षक मैनुअल आदि। यह सभी सामग्री दीक्षा प्लेटफॉर्म के ऐप के माध्यम से भी देखी जा सकती है। शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही दीक्षा ऐप को गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर लॉन्च किया जाएगा।

निपुण भारत मिशन: अभिभावक और सामुदायिक सहभागिता

निपुण भारत योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए अभिभावकों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। बच्चे लगभग 80% समय घर पर ही होते हैं, ऐसे में बच्चों की अधिकांश पढ़ाई घर पर ही होती है। इस कार्यक्रम के माध्यम से अभिभावकों को अपने बच्चों की शिक्षा से जोड़ा जाये, जिसके लिए हर तरह के प्रयास किये जायेंगे। सभी अभिभावकों को ईमेल, व्हाट्सएप के माध्यम से जोड़ा जाएगा, ताकि अभिभावकों को समय-समय पर अपने बच्चों की शिक्षा के बारे में जानकारी मिलती रहे।

परिवार और समुदाय को जोड़ने के विभिन्न तरीके

  • विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करना
  • अभिभावक शिक्षक बैठक
  • समुदाय में नियमित गतिविधियाँ भी की जा सकती हैं
  • पालन-पोषण पर कार्यशाला
  • माता-पिता को स्कूल की गतिविधियों और बच्चे की प्रगति के बारे में लगातार अपडेट भेजना।
  • असाइनमेंट दे रहे हैं
  • ईमेल व्हाट्सएप आदि के माध्यम से माता-पिता को बच्चों की प्रगति की जानकारी प्रदान करना।

अक्सर लड़कियों की उम्र तो बढ़ जाती है लेकिन वे शिक्षा के मामले में बहुत कमजोर होती हैं, उन सभी बच्चों के लिए यह योजना शुरू की गई है। यह योजना सभी बच्चों को बुनियादी साक्षरता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना की गतिविधियों की निगरानी राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर और जिला स्तर पर की जाएगी।

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