राज्य सरकारों द्वारा जनता को लाभ पहुचाने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओ को शुरू किया है. इन योजना के जरिये नागरिको को शिक्षा के साथ, राशन, हेल्थ जैसी सेवाएं मिलती है. इस तरह की योजनाओ को लागू करने में सरकार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिस से ये निर्धारित किया जा सके कि किस व्यक्ति को लाभ दिया जाए।

इस परिस्तिथि में लाभ लेने वाले व्यक्ति को कुछ दस्तावेज़ पेश करना होता है जिससे यह साबित हो सके कि वे सरकार द्वारा दिए जा रहे लाभ लेने के लिए पूरी तरह से हक़दार है।
योजनाओ का संचालन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किया जाता है. राज्य सरकार केवल राज्य के नागरिको को ही लाभ प्रदान करती है. ऐसे में इन योजनाओ का लाभ लेने के लिए व्यक्ति के पास उस राज्य का मूल निवासी प्रमाण पत्र होना आवश्यक है. इस लेख में Domicile Certificate क्या है? कैसे बनवाएं, आवेदन प्रक्रिया व शुल्क के बारे में विस्तार से बता रहे है।
Domicile Certificate
विषय | मूल निवासी प्रमाण पत्र (Domicile Certificate) |
किसके द्वारा जारी | विभिन्न राज्यों के भिन्न प्राधिकारियों द्वारा |
वैद्यता | न्यूनतम 3 वर्ष या पूरे जीवन के लिए (राज्य के अनुसार) |
शुल्क | 10 रूपए से 500 रूपए तक (प्रत्येक राज्य के लिए भिन्न) |
बनने में लगा समय | 15 से 30 दिन के भीतर |
आवेदन | राज्य के ई-डिस्ट्रिक पोर्टल के माध्यम से |
मूल निवासी प्रमाण पत्र क्या है?
मूल निवासी प्रमाण पत्र को निवास प्रमाण पत्र, Domicile Certificate भी कहा जाता है. इस दस्तावेज़ को राज्य सरकार दौरा जारी किया जाता है जो आपके रहने के प्रमाण को दर्शाता है. यह सर्टिफिकेट किसी भी जाति, वर्ग और वर्ग के लोग बनवा सकते है. ख़ास कर छात्रों के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है, जिसके जरिये छात्रवृत्ति, और परीक्षा कट-ऑफ का लाभ ले सकते है।
सरल शब्दों में कहे तो Domicile Certificate एक विशिष्ट राज्य के निवासी होने को प्रमाणित करता है. इसके साथ ही स्कूलों, शैक्षणिक संस्थानों और/या सरकारी संस्थानों में निवासी-आधारित आरक्षण प्रटप करने में मदद करता है. अगर आप उत्तरप्रदेश स्कालरशिप का लाभ लेना चाहते है तो आपके पास उत्तरप्रदेश का निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए।
मूल निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आपको कुछ सहायक दस्तावेज कि जरुरत होती है. जिनको फॉर्म के साथ संलग्न करना जरूरी होता है. इसके बिना आपका आवेदन खारिज हो सकता है. राज्यों के अनुसार संलग्न किए जाने वाले दस्तावेजों की सूची अलग-अलग हो सकती है.
पहचान प्रमाण
- आधार कार्ड
- वोटर आई कार्ड
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- राशन पत्रिका
- कोई अन्य सरकारी मान्यता प्राप्त दस्तावेज
निवास प्रमाण (आवेदक के लगातार 3 साल रहने का)
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- वोटर आई कार्ड
- बिजली का बिल
- पासपोर्ट
- टेलीफ़ोन बिल (लैंडलाइन)
- राशन पत्रिका
- रेंट एग्रीमेंट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- कोई अन्य सरकारी मान्यता प्राप्त दस्तावेज
आवेदक की पासपोर्ट आकार की तस्वीर
आवेदन पत्र के साथ स्वप्रमाणित घोषणा पत्र
जन्म तिथि का प्रमाण
- पासपोर्ट
- वोटर आई कार्ड
- विद्यालय छोड़ने का प्रमाणपत्र
- जन्म प्रमाणपत्र
मूल निवासी प्रमाण पत्र के लिए पात्रता
अधिवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदक को कुछ शर्तो को पूरा करना होता है. आवेदक को निम्नलिखित पात्रता शर्तों में से एक को पूरा करना अनिवार्य है।
- आवेदक के माता -पिता को उस राज्य के स्थायी निवासी होना चाहिए।
- या आवेदक राज्य में कम से कम तीन साल से निवास कर रहा हो ।
- आवेदक को उस राज्य में एक संपत्ति/घर/भूमि का मालिक होना चाहिए।
- व्यक्ति का नाम उस राज्य की मतदाता सूची में होना चाहिए।
कौन सा प्राधिकरण मूल निवासी प्रमाण पत्र जारी करता है?
मूल निवासी प्रमाण पत्र को संबंधित राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाता है. निवास प्रमाण पत्र को जारी करने के लिए प्रत्येक राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के पास कुछ प्रक्रियाएं हैं. इसके साथ ही इसको जारी करने के लिए निम्नलिखित अधिकारियों द्वारा निर्धारित प्रारूप में जारी मूल निवासी प्रमाण पत्र को सरकार द्वारा मान्य माना जाता है।
- तहसीलदार कार्यालय
- राजस्व कार्यालय
- कलेक्टर/ डिप्टी कलेक्टर कार्यालय
- एसडीएम कार्यालय
- जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय
- मामलातदार ऑफिस
- सिटीजन सर्विस कार्नर (CSC)
- रजिस्ट्रार/ उप-रजिस्ट्रार कार्यालय
Domicile Certificate के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करे
Domicile Certificate बनवाने के लिए सबसे पहले प्रदेश की ई- डिस्ट्रिक वेबसाइट पर जाना होता है. सही प्रदेशो के लिए अलग-अलग वेबसाइट होती है, जहा से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।
- सबसे पहले सम्बंधित राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है.
- वेबसाइट पर जाने के बाद पहले आपको इसका सदस्य बनना होगा यानि इसके लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा.
- रजिस्ट्रेशन के विकल्प पर क्लिक करते ही एक फॉर्म सामने खुलेगा। इसमें आवेदक का नाम, जन्मतिथि, लिंग, आवासीय पता जैसी जानकारी भरें.
- इसके बाद आपको अपनी ईमेल आईडी और फोन पर यूजर नेम और पासवर्ड मिल जाएगा.
- पंजीकरण करने के बाद सिटीजन पोर्टल पर जाके आईडी और पासवर्ड डालकर लॉगिन कर लेना है.
- लॉगिन करने के बाद आप मूल निवासी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं.
- इसके बाद निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन फॉर्म खुल जायेगा, सभी जानकारी सही-सही भरें.
- जानकारी देने के बाद आपको अपने जरूरी डॉक्यूमेंट्स को भी अपलोड करना होगा जैसे, कि अपना पहचान पत्र, आधार, वोटर और राशन कार्ड, स्वप्रमाणित घोषणा पत्र आदि.
- अब आवश्यक दस्तावेज़ को अपलोड करना है और सब्मिट बटन पर क्लिक कर दें.
- इसके बाद आपको एक आवेदन संख्या मिलेगी, इसे सेव कर लें. इसके बाद आपको वहां बताया शुल्क जमा करना होगा।
- ऐसा करने के बाद Domicile Certificate का आवेदन पूरा हो जाता है।
विभिन्न भारतीय राज्यों में मूल निवासी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने हेतु प्राधिकरणों के ऑफिशियल पोर्टल
क्रमांक | भारतीय राज्य | प्राधिकारी | ऑफिशियल पोर्टल |
1 | आंध्र प्रदेश | तहसीलदार | यहाँ क्लिक करें |
2 | अरुणाचल प्रदेश | जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर | यहाँ क्लिक करें |
3 | असम | राजस्व अंचल अधिकारी | यहाँ क्लिक करें |
4 | बिहार | अंचल कार्यालय के अंचल अधिकारी | यहाँ क्लिक करें |
5 | छत्तीसगढ़ | नायब तहसीलदार | यहाँ क्लिक करें |
6 | गोवा | सभी तालुका के मामलातदार | यहाँ क्लिक करें |
7 | गुजरात | जिला कलेक्टर / डिप्टी कलेक्टर / सहायक। कलेक्टर / प्रान्त अधिकारी / मामलातदार | यहाँ क्लिक करें |
8 | हरियाणा | सीआरओ (तहसीलदार / नायब तहसीलदार संबंधित) | यहाँ क्लिक करें |
9 | हिमाचल प्रदेश | राजस्व विभाग के तहसीलदार | यहाँ क्लिक करें |
10 | जम्मू और कश्मीर | उप-मंडल मजिस्ट्रेट (तहसीलदार के पद से नीचे का नहीं) | यहाँ क्लिक करें |
11 | झारखंड | प्रत्येक जिले में अनुमंडल पदाधिकारी | यहाँ क्लिक करें |
12 | कर्नाटक | तहसीलदार | यहाँ क्लिक करें |
13 | केरल | ग्राम अधिकारी (यदि राज्य सरकार के विभागों या प्राधिकरणों के समक्ष पेश किया जाता है) / तहसीलदार (यदि केंद्र सरकार के विभागों या प्राधिकरणों के समक्ष पेश किया जाता है) | यहाँ क्लिक करें |
14 | मध्य प्रदेश | तहसीलदार / नायब तहसीलदार | यहाँ क्लिक करें |
15 | महाराष्ट्र | तहसीलदार | यहाँ क्लिक करें |
16 | मणिपुर | जिला प्राधिकरण i/c DC/ADC/SDO (SDO/SDM के पद से नीचे नहीं) | यहाँ क्लिक करें |
17 | मेघालय | सरकार के मामले में नियोक्ता। कर्मचारी और अन्य के मामले में सांसद / विधायक / डीसी / एसडीओ सिविल द्वारा। | यहाँ क्लिक करें |
18 | मिजोरम | जिला मजिस्ट्रेट या जिला मजिस्ट्रेट द्वारा अधिकृत कोई अन्य अधिकारी | यहाँ क्लिक करें |
19 | नागालैंड | उप.आयुक्त, अपर.उप.आयुक्त और उप-मंडल अधिकारी (सी) | यहाँ क्लिक करें |
20 | ओडिशा | राजस्व अधिकारी | यहाँ क्लिक करें |
21 | पंजाब | सीआरओ (तहसीलदार / नायब तहसीलदार संबंधित) | यहाँ क्लिक करें |
22 | राजस्थान | तहसीलदार / नोटरी | यहाँ क्लिक करें |
23 | सिक्किम | विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट (प्रखंड विकास अधिकारी, ग्रामीण प्रबंधन एवं विकास विभाग) | यहाँ क्लिक करें |
24 | तमिलनाडु | जोनल डिप्टी तहसीलदार | यहाँ क्लिक करें |
25 | त्रिपुरा | संबंधित जिलों के उपायुक्त | यहाँ क्लिक करें |
26 | तेलंगाना | तहसीलदार | यहाँ क्लिक करें |
27 | उत्तर प्रदेश | तहसीलदार | यहाँ क्लिक करें |
28 | उत्तरांचल | तहसीलदार/एसडीएम/सिटी मजिस्ट्रेट | यहाँ क्लिक करें |
29 | पश्चिम बंगाल | क्षेत्रानुसार | यहाँ क्लिक करें |
मूल निवासी प्रमाण पत्र की वैधता
मूल निवासी प्रमाण पत्र की वैधता राज्यों पर निर्भर करती है. आमतौर पर, मूल निवासी प्रमाण पत्र व्यक्ति के पूरे जीवन के लिए वैध रहता है. हालाँकि कुछ राज्यों में इसकी अवधि 3 वर्ष होती है. Domicile Certificate की वैधता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित तहसील या एसडीएम कार्यालय से अपना मूल निवासी प्रमाण पत्र सत्यापित करा सकते है।
- Income Certificate : आय प्रमाण पत्र क्या है? आवेदन शुल्क, ऑनलाइन-ऑफलाइन प्रक्रिया
- Janam Praman Patra Kaise Banaye : आवेदन प्रक्रिया, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज़
- Birth Certificate Online Apply : जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए घर बैठे करें ऑनलाइन आवेदन
इसी तरह की सरकारी योजना की जानकारी का अपडेट पाने के लिया हमारी वेबसाइट Sarkari Yojana को subscribe जरूर करे। इसके साथ साथ हमें facebook page पर भी जरूर फॉलो करे।

नेहा आर्य latestsarkariyojana.com वेबसाइट की संपादक (Editor) के साथ लेखक भी हैं, जहाँ वे सरकारी नौकरी, सरकारी योजना, एडमिट कार्ड, रिजल्ट, आदि से सम्बंधित लेख लिखती हैं. इन्हें इस क्षेत्र में 3 साल से अधिक का अनुभव है.