विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने आज, 5 दिसंबर को मसौदा विनियमों की घोषणा की है। इसके तहत स्नातक डिग्री और स्नातकोत्तर डिग्री प्रदान करने के लिए निर्देश के न्यूनतम मानकों को निर्धारित किया गया है। नए नियम के आने से उच्च शिक्षा में अधिक लचीलापन आ जायेगा और अनुशासनात्मक कठोरता को दूर करेंगे।
सरकार के इस नियम से उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) में एडमिशन के लिए द्विवार्षिक प्रवेश की सुविधा प्रदान की जाएगी। जिससे छात्रों को वर्ष में दो बार नामांकन करने की अनुमति मिलती है.
मनपसंद विषय का विकल्प
यूजीसी अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार बताया कि स्कूली शिक्षा को अनुशासन-विशिष्ट बनाने के लिए UG और PG प्रवेश के लिए पात्रता को भी अलग कर दिया है. इस सभी नियमो के तहत योग्यता के अनुसार अध्ययन का चयन कर सकते हैं, यदि वे प्रासंगिक प्रवेश परीक्षाओं को पास करके अपनी योग्यता प्रदर्शित करते हैं.
UGC New Guidelines: स्टूडेंट्स के पास ये होगा विकल्प
छात्रों के पास अब अपने प्रमुख विषय में 50 प्रतिशत का विकल्प होगा, जबकि शेष क्रेडिट कौशल विकास, प्रशिक्षुता या बहु-विषयक विषयों के माध्यम से आवंटित किए जायेंगे। इन सभी सुधारो के जरिये भारतीय उच्च शिक्षा वैश्विक मानकों को पूरा करना है, जबकि समावेशिता और विविध शिक्षार्थियों की जरूरतों के अनुकूल बने रहे.
अब चार साल की होगी यूजी की डिग्री
यूजीसी की ओर से जारी ड्राफ्ट गाइडलाइन के अनुसार स्नातक की डिग्री की अवधि तीन या चार साल में पूरी हो जाएगी जबकि स्नातकोत्तर डिग्री सामान्य रूप से एक या दो साल में पूरी होगी. इसके साथ ही यूजी के छात्र निर्धारित समय से पहले और बाद में अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं. इस सम्बंधित अधिक जान्काइर के लिए कैंडिडेट UGC की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं.