Krishi Sakhi Yojana 2025: केंद्र सरकार द्वारा महिलाओ को ध्यान में रखते हुए इस योजना को शुरू किया गया है। कृषि में महिलाओ को उन्नत बनाने के लिए इस योजना क शुरू किया गया है, इसके जरिये महिला किसानो को कृषि के छेत्र में प्रशिक्षण और प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में 30,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों को प्रमाण पत्र किये और आधिकारिक तौर पर कृषि सखी के रूप में मान्यता दी। आज के इस आर्टिकल में Krishi Sakhi Yojana से जुडी जानकारी जैसे पात्रता, लाभ, आवश्यक दस्तावेज़ और आवेदन कैसे करे, इसके बारे में बता रहे है।
Krishi Sakhi Yojana क्या हैं?
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई सबसे महत्वपूर्ण योजनाओ में से एक है, जिसका लाभ महिला किसानो को मिलेगा। इस योजना के जरिये कृषि से जुडी महिलाओ को प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा और उनकी आय में वृद्धि करने के अवसर प्रदान किये जायेंगे।
इस योजना का संचालन किसान कल्याण मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है, जिसके लिए दोनों ने समझौता किया है।
इस योजना की शुरुआत भारत के 12 राज्यों में हो चुकी है, ये राज्य हैं गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और मेघालय है।
कृषि सखी योजना में किस प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएगी
कृषि सखियाँ 56-दिवसीय व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेती हैं, जिसमे किसानी से जुडी विस्तृत श्रृंखला शामिल होती है। जिनको सिख कर आसानी से खेती में मुनाफा कमाया जा सकता है।
- वे भूमि तैयार करने से लेकर फ़सल की कटाई तक सब कुछ सिखाते हैं।
- किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के लिए बीज बैंक कैसे स्थापित करें और उनका प्रबंधन कैसे करें।
- प्रशिक्षण में मृदा स्वास्थ्य बनाए रखने और नमी को संरक्षित करने के तरीके शामिल हैं
- कृषि पद्धतियों को संयोजित करने के बारे में सीखते हैं।
- पशुधन की देखभाल और प्रबंधन की मूल बातें प्रशिक्षण का हिस्सा हैं।
कृषि सखी योजना में ट्रेनिंग के बाद मिलेगा रोजगार
Krishi Sakhi Yojana Training में किसानी से जुड़े कामो को सिखाया जाता है। जो भी कृषि सखियाँ अपनी ट्रेनिंग पूरा कर लेती है उन्हें एक परीक्षा देना होता है। जिसके बाद कृषि सखियाँ कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में भाग ले सकती हैं। इसके बदले में सरकार द्वारा उन्हें पैसा भी दिया जाता है।
इसके लिए सरकार द्वारा प्रति वर्ष 60,000 से 80,000 रूपए दिया जाता है। वर्तमान में 70,000 से अधिक कृषि सखिया को प्रमाण पात्रता दिए जा चुके है। कृषि विकास में योगदान देने के साथ-साथ अपनी आजीविका कमाने के सुनहरे अवसर मिलते है।
ट्रेनिंग के बाद कृषि सखियों को किस प्रकार के रोजगार उपलब्ध होंगे
विभाग का नाम | कार्य | प्रति कृषि सखी प्रति वर्ष संसाधन शुल्क |
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आईएनएम डिवीजन: मृदा स्वास्थ्य और MOVCDNER | मृदा नमूना लेना, मृदा स्वास्थ्य सलाह देना, किसान संगठन गठित करना, किसानों को प्रशिक्षित करना | INR 1,300 (मृदा स्वास्थ्य), INR 54,000 (MOVCDNER – उत्तर-पूर्व केवल) |
फसल डिवीजन | क्लस्टर फ्रंट लाइन डेमोन्स्ट्रेशन, डेटा संग्रह और अपलोड करना | INR 10,000 |
फसल बीमा डिवीजन: PMFBY | गैर ऋणी किसानों को जुटाना, हानि मूल्यांकन | INR 20,000 |
MIDH डिवीजन | बागवानी मिशन के बारे में जागरूकता | INR 40,000 (प्रति ब्लॉक) |
NRM डिवीजन: रेनफेड क्षेत्र विकास RAD, कृषि वनीकरण, पर ड्रॉप मोर क्रॉप | जलवायु सहिष्णु कृषि प्रथाओं का प्रशिक्षण, पौध वितरण, सूक्ष्म सिंचाई का अनुप्रयोग | INR 12,000 |
कृषि बुनियादी ढांचा निधि | आउटरीच एजेंट, परियोजना को सुविधाजनक बनाना, जागरूकता बढ़ाना | INR 5,000 |
बीज डिवीजन: बीज गांव कार्यक्रम | किसानों को बीज उत्पादन पर प्रशिक्षित करना | INR 900 (प्रति प्रशिक्षण) |
कृषि सखी योजना के जरिये खेती में तो मदद मिलेगी साथ ही इस इस योजना के तरह सरकार के लिए काम करके पैसा भी कमा सकती है। इस योजना के जरिये महिलाओ की कमाई में वृद्धि होगी।
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