हरियाणा सरकार ने समाज में गरीब और जरूरतमंद वर्गों को राहत देने के लिए कई योजनाओ को शुरू किया है। इसी कड़ी में थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को हर महीने ₹3000 की पेंशन दी जाएगी। सरकार द्वारा दी जा रही सहायता राशि से मरीज़ चिकित्सा जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।
थैलेसीमिया जैसी बीमारी के इलाज़ में काफी पैसा खर्च होता है जो गरीब लोगो के लिए मुश्किल होता है। इस योजना के तहत लम्बे समय से इन बीमारियों के इलाज में आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं लोगो को राहत मिलेगी।
हरियाणा सरकार की बड़ी घोषणा
हरियाणा सरकार ने “हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम-2016” में संशोधन के जरिये इस स्कीम को शुरू किया है. इसका लाभ केवल पात्र मरीज़ो को ही मिलेगा, जो सरकार द्वारा जारी प्रात्रता को पूरा करते है। जिस भी मरीज की सालाना पारिवारिक आय अधिकतम 3 लाख रुपये है वे इसके लिए आवेदन कर सकते है, इसके साथ ही योजना का लाभ केवल हरियाणा के मूल निवासी को ही मिल रहा है।
सरकार ने इस योजना के तहत 2083 मरीजों को शामिल किया है। इनमें 1300 मरीज थैलेसीमिया से ग्रस्त हैं और 783 मरीज हीमोफीलिया से पीड़ित हैं। इसके लिए सरकार हर साल 7.5 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
मरीजों के लिए राहत की योजना
थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसी बीमारियों का इलाज काफी लम्बे समय तक चलता है. अक्सर, गरीब परिवार इन खर्चों को उठाने में असमर्थ होते हैं, जिस से उनकी आर्थिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा ₹3000 की नियमित पेंशन दी जा रही है, जिस से परिवारों को राहत मिलेगी और मरीजों को उचित उपचार मिल सकेगा।
इस योजना का मकसद गरीब नागरिको को समाज में बराबरी और स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ावा देना है। थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसी बीमारियों में मरीज को देखभाल की जरुरत होती है। सरकार के इस कदम से मरीज़ को राहत मिलेगी और यह उनके आत्मविश्वास को भी मजबूत करेगा।