अगर आप सरकारी मुफ्त राशन, बिजली, पानी या किसी अन्य योजनाएं का लाभ उठा रहे हैं, तो आपके लिए यह जानना बेहद ही आवश्यक है की जल्द ही इन योजनाओ का लाभ मिलना बंद हो जायेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रीम कोर्ट में एक याचिका के जरिए इन योजनाओं पर रोक लगाने की मांग की गई है। ये सभी योजनाए चुनावी रिश्वत के तौर पर लाभ देती है, जिन्हे जनता को लुभाने के लिए सभी राजनैतिक दलों द्वारा शुरू किया जाता है।
मुफ्त योजनाओं को कहा रिश्वत
केंद्र सरकार के द्वारा मुफ्त राशन योजना को शुरू किया गया, जिसके तहत लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चुनाव से पहले महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना को शुरू किया, जिस वजह से BJP को इलेक्शन जीतने में आसानी हुई, इस वजह से इन सभी योजनाओ को रिश्वत के तौर पर माना जाना चाहिए और रोक लग्न जरुरी है।
बंद हों जाएँगी सभी मुफ्त योजनाएं
चुनावों के दौरान फ्री राशन, बिजली, बस सेवा और किसानों के लिए सब्सिडी जैसी योजनाओं का ऐलान करना बहुत ही आम हो गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह जनता को “रिश्वत” के रूप में दी जाने वाली सुविधाएं हैं, जिस वजह से जनता प्रभावित होकर वोट देती है। इस वजह से इन योजनाओ को बंद किया जाना चाहिए।
महिलाओं और युवाओं को प्रभावित करती हैं ये योजनाएं?
सरकारी योजनाओ के जरिये महिलाओ को प्रभावित किया जाता है, जिसके जरिये उनकी खाते में नकद राशि को दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर लाडली बहना योजना के जरिये प्रतिमाह महिलाओ के बैंक खाते में राशि को भेजा जाता है। इसके साथ ही युवाओ को लुभाने के लिए मुफ्त टैबलेट और अन्य सुविधाओं का वितरण किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर इन सभी योजनाओ पर सुनवाई की तैयारी चल रही है। अगर याचिकाकर्ता की बातो को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जाता है तो जल्द ही मुफ्त योजनाओ को बंद किया जा सकता है।