NPS Rules Change : केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में कुछ बदलाव किया है, इसके लिए सरकार द्वारा नए गाइडलाइंस जारी किए हैं। गाइडलाइंस में कुछ मौजूदा प्रोविजन को दोहराया गया है, जिसमें मंथली सैलरी से 10 प्रतिशत योगदान की जरूरत शामिल है। हालाँकि समय के साथ इसकी समीक्षा की जाएगी।
एनपीएस योगदान में ये हुए बदलाव
सस्पेंड होने पर : अगर कोई कर्मचारी सस्पैंड होता है तो एनपीएस अंशदान को जारी रखने का विकल्प मिलेगा। सस्पेंशन हटने के बाद सर्विस में आने पर वेतन के आधार पर योगदान की फिर से गणना की जाएगी।
प्रोवेशन के दौरान : प्रोवेशन पीरिएड वाले सभी कर्मचारियों को एनपीएस में कंट्रीब्यूशनअनिवार्य है, जिस से पेंशन सेविंग्स जल्द से जल्द शुरू हो सके।
अवैतनिक अवकाश : जो कर्मचारी अवकाश पर है या अनुपस्तिथ है, उन्हें अंशदान करने की जरुरत नहीं होगी। अन्य संगठनों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों को भी एनपीएस में योगदान देना होगा, यदि उनका ट्रांसफर नहीं हुआ है।
रिटर्न देने में एनपीएस ने म्यूचुअल फंड्स को पछाड़ा
इक्विटी स्कीम
अवधि एनपीएस-ई (टियर 1) लार्जकैप फंड्स फ्लेक्सीकैप
5 साल 19.6 प्रतिशत 18.7 प्रतिशत 22.6 प्रतिशत
10 साल 13.9 प्रतिशत 14.8 प्रतिशत 15.9 प्रतिशत
कॉरपोरेट बॉन्ड स्कीम
अवधि एनपीएस-सी (टियर 1) बैंकिंग-पीएसयू फंड कॉरपोरेट बॉन्ड फंड
5 साल 7.6 प्रतिशत 6.4 प्रतिशत 6.5 प्रतिशत
10 साल 8.8 प्रतिशत 7.2 प्रतिशत 7.3 प्रतिशत
15 साल 9.4 प्रतिशत 6.9 प्रतिशत 7.4 प्रतिशत
जी-सेक स्कीम
अवधि एनपीएस-जी (टियर 1) गिल्ट फंड्स
5 साल 7.7 प्रतिशत 6.5 प्रतिशत
10 साल 9.2 प्रतिशत 7.9 प्रतिशत
15 साल 8.8 प्रतिशत 7.5 प्रतिशत
एनपीएस में निवेश करने के दो विकल्प होते है पहला एक्टिव चॉइस और दूसरा ऑटो चॉइस. सरकारी कर्मचारी अपनी इच्छा के अनुसार विकल्प का चयन कर सकते है।