हरियाणा में नई शिक्षा नीति के तहत राज्य सरकार कई बदलाव करने जा रही है। इसके अनुसार छात्रों के अनुपात के आधार पर टीचर कि भर्ती की जायेगी, इसके साथ ही कॉलेजों में सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। इसका लाभ 12वीं सभी छात्रों को मिलेगा और वह अच्छी शिक्षा का लाभ प्राप्त कर पाएंगे।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बताया कि हरियाणा के कॉलेज में IAS और HCS जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए स्मार्ट क्लासरूम को बनाया जा रहा है, जिस से प्रतियोगी परीक्षाओं (IAS, IPS, HCS, आदि) की तैयारी की रूपरेखा तैयार की जाएगी। शिक्षकों की व्यवस्था करने के लिए भी योजना तैयार की जा रही है, जिससे अगले सेशन से प्रदेश के सभी स्कूल में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाना है।
गीता की शिक्षा मिलेगी, बच्चे सीखेंगे संस्कार
बच्चों को संस्कारवान बनाने और संस्कृति की शिक्षा ज्ञान प्रदान करने के लिए आठवीं कक्षा तक गीता को सिलेबस में शामिल किया जाएगा. इसके साथ ही मौलिक शिक्षा, स्कूल शिक्षा और उच्चतर शिक्षा को भी शामिल किया जायेगा। जिस भी कॉलेज परिसर में कॉलेजों की बिल्डिंग बनाई जा रही है, उनके कामो को जल्दी से पूरा किया जायेगा।
शिक्षकों की भर्ती छात्रों के अनुपात के आधार पर होगी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात सुनिश्चित किया जाना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार छात्र-शिक्षक अनुपात पर ध्यान देते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए। इसके लिए अधिक संख्या में शिक्षकों को भर्ती की जाएगी और स्कूल में पर्याप्त मात्रा में शिक्षक उपलब्ध होंगे।
संस्कृति स्कूलों की बढ़ाई जाए संख्या
हरियाणा सरकार ने ब्लॉक स्तर पर मॉडल संस्कृति स्कूल खोलने की योजना बनाई है, जो CBSE बोर्ड से एफिलिएटेड हैं। इस तरह के स्कूलों में बच्चों को इंग्लिश मीडियम सहित गणित व विज्ञान की शिक्षा प्रदान की जाती है। फिलहाल इन स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए होड़ लगी है, इसलिए ब्लॉक स्तर पर मॉडल संस्कृति स्कूलों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है।
12वीं के बाद भी होगी बच्चों की ट्रैकिंग
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हर बच्चे को ट्रैक किया जाए, जिस से पता चल सके कि 12वीं कक्षा के बाद किस संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहा है। यदि कोई बच्चा हरियाणा से बाहर शिक्षा ग्रहण कर रहा है तो उसकी जानकारी भी राखी जाए, जिस से कोई भी बच्चा शिक्षा के मूलभूत अधिकार से वंचित न रहे।