NBFC FD Rule Changed: नए साल की शुरुआत से बैंकिंग सेक्टर में कुछ अहम बदलाव किये जा रहे है. इनमें से एक बदलाव नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) द्वारा प्रदान किये जाने वाले फिक्स्ड डिपॉजिट्स (FDs) पर भी लागू होगा. आरबीआई द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से NBFCs कुछ इमरजेंसी खर्चों के लिए FD का इस्तेमाल कर सकती है.
आरबीआई ने NBFCs से जुड़े फिक्स्ड डिपॉजिट्स को लेकर एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसके अनुसार 1 जनवरी 2025 से ये बहुत से बदलाव लागू होने जा रहे है.
- छोटे डिपॉजिट (₹10,000 से कम) को डिपॉजिटर के अनुरोध पर बिना ब्याज के तीन महीने के भीतर पैसा मिल जाएगा.
- सार्वजनिक डिपॉजिट्स के लिए, डिपॉजिटर तीन महीने की अवधि से पहले ₹5 लाख या डिपॉजिट के 50% तक की राशि का भुगतान बिना ब्याज के मांग सकते हैं.
- गंभीर बीमारी के मामले में, डिपॉजिटर को पूरी राशि बिना ब्याज के जल्दी वापस मिल सकती है.
- NBFCs को डिपॉजिट की मैच्योरिटी की जानकारी दो महीने के बजाय 14 दिन पहले देनी होगी.
बैंकों से ज्यादा रिटर्न मिलता हैं NBFC
बैंकों द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट पर दिए जाने वाले रिटर्न की तुलना करें, तो NBFC काफी ज्यादा रिटर्न प्रदान करते है. दूसरी तरफ, NBFCs फिक्स्ड डिपॉजिट पर रिटर्न तो अच्छा मिलता है, लेकिन इसमें रिस्क भी ज्यादा होता है. अधिक मुनाफा होने की वजह से पिछले कुछ वर्षों में NBFCs में फिक्स्ड डिपॉजिट की मांग बढ़ी है.
कितनी NBFCs दे रही हैं सेवाएं
आरबीआई के अनुसार 31 मार्च 2023 तक पंजीकृत एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) की कुल संख्या 9,443 थी. हाल ही में आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है की, इनमें से 8,966 एनबीएफसी गैर-जमा लेने वाली (एनबीएफसी-एनडी) हैं. वहीं, 413 एनबीएफसी प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण हैं, और केवल 39 एनबीएफसी जमा लेने वाली हैं.