राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy) के तहत भारत की शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव किये जा रहे है. इसमें बीएड (B.Ed) यानी शिक्षा स्नातक पाठ्यक्रम में बड़े बदलाव प्रस्तावित हैं। इन बदलाव की वजह से शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार करना और छात्रों को अधिक विकल्प और विशेषज्ञता प्रदान करना भी है। यह नीति अगले 10 वर्षों में शिक्षा प्रणाली को सुधारने की दिशा में काम करेगी.
बीएड कोर्स में बदलाव किया जा रहा है
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बीएड पाठ्यक्रम को अब 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड डिग्री में बदला जा रहा है. इस बदलाव को वर्ष 2025 से लागू किया जायेगा. इस इंटीग्रेटेड डिग्री में स्नातक डिग्री (BA, BSc, BCom) का समावेश होगा। इस पाठ्यक्रम को ख़ास कर उन छात्रों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है जिस से शिक्षक बनाने में मदद मिलेगी।
4 वर्षीय इंटीग्रेटेड डिग्री के लाभ
यह पाठ्यक्रम छात्रों को अधिक गहराई से शिक्षा के सिद्धांत और व्यावहारिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसके जरिये स्नातक और बीएड की पढ़ाई को एकीकृत रूप में पूरा किया जा सकेगा। इस कोर्स के साथ छात्रों के पास शारीरिक शिक्षा, कला शिक्षा, संस्कार शिक्षा जैसे विषय पढ़ने के विकल्प मिलता है।
2 वर्षीय बीएड कोर्स में सुधार
नई शिक्षा निति के तहत 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स पर अधिक जोर दिया जा रहा है, लेकिन इसमें 2 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम को भी सुचारु रूप से जारी रखा जायेगा. तीन वर्षीय स्नातक डिग्री वाले विद्यार्थी इस कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। इस पाठ्यक्रमके जरिये शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता सुधार और फर्जी कॉलेजों पर रोकथाम
राष्ट्रीय शिक्षा परिषद ने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और फर्जी रहित कॉलेजों पर रोक लगाना है। इसके अन्य बहुत से लाभ होंगे, जिस से शिक्षा के स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी।
इस कार्यक्रम के जरिये कॉलेजों की नियमित निरीक्षण प्रक्रिया को मजबूत किया जाएगा। साथ ही केवल मान्यता प्राप्त संस्थानों को ही बीएड पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति मिलेगी। नई शिक्षा निति के तहत एडमिशन के समय छात्रों और अभिभावकों के लिए संस्थानों की मान्यता संबंधी जानकारी सार्वजनिक रूप से प्रदान की जाएगी।