भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 के बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स को लेकर कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इसके बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण के दौरान जानकारी दी। इस बदलाव में खासकर निवेशकों, प्रॉपर्टी और सोने की संपत्ति में निवेश करने वालों के लिए हैं। इन नए नियमों के जरिये टैक्स प्रणाली को सरल बनाना है, लेकिन इसके कारण कई निवेशकों पर प्रभाव पड़ेगा।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) कर क्या है?
यह एक प्रकार का टैक्स है जो कि पत्तियों जैसे प्रॉपर्टी, सोना, शेयर आदि को एक लंबी अवधि (3 साल से अधिक) रखने के बाद उनकी बिक्री पर लगाया जाता है। इस कर को संपत्तियों की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर लगाया जाता है। जैसे-जैसे कीमती बढ़ती है उन पर टैक्स भी बढ़ता जाता है।
LTCG कर में बदलाव
इस साल के बजट में सरकार द्वारा LTCG कर की दर को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया है। जिसका मतलब अगर कोई भी अपनी संपत्ति बेचता है तो पहले के मुकाबले अधिक टैक्स देना होगा। इसका मतलब ये कि अगर पहले 1 लाख रूपए टैक्स देते थे तो अब 1.25 लाख टैक्स देना होगा।
प्रॉपर्टी और सोने पर इंडेक्सेशन लाभ का हटना
सरकार ने LTCG टैक्स को बढ़ा कर प्रॉपर्टी और सोने पर मिलने वाले इंडेक्सेशन का लाभ हटा दिया गया है। इंडेक्सेशन का काम महंगाई को ध्यान में रखते हुए संपत्तियों की खरीद मूल्य में वृद्धि करता था। इसका मतलब कि निवेशक महंगाई की वजह से अधिक कर न चुकाएं।
इस बदलाव का निवेशकों पर असर
इस बदलाव से प्रॉपर्टी खरीदने वालो को फायदा होने वाला है। इंडेक्सेशन का लाभ हटने से कर की गणना में सीधे खरीद मूल्य लिया जाएगा, जिससे कर का बोझ बढ़ जाएगा। हालाँकि नए नियम के अनिसार प्लानिंग करना होगा।