देश की राजधानी में दीपावली के बाद से लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। हवा में जहरीले कणों की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने GRAP-4 के तहत बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल के चलने वाले चार पहिया वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इसके साथ ही निर्माण कार्यो और तोड़-फोड़ ओर भी रोक लगा दी है।
वायु गुणवत्ता को सुधारने के उद्देश्य से नियमो को लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री आतिशी सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194(1) के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के पीछे की वजह
दिल्ली की भौगोलिक स्थिति और सर्दियों में हवा की गति धीमी होने की वजह से प्रदुषण अधिक समय तक टिक जाता है। इसके साथ ही दिवाली के पटाखे, पराली जलाने की समस्या, और गाड़ियों से निकलने वाला धुआं हवा को अधिक जहरीला बना देता है। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर निकल चूका है, जो की सबसे भयानक स्तिथि होती है।
आतिशी सरकार ने जारी किया आदेश
प्रदूषण को देखते हुए ही बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार के इस कदम से प्रदुषण फैलाने वाले मुख्य स्त्रोत वाहन प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
दिल्ली में लगभग 2 लाख बीएस-III पेट्रोल वाहन और 3 लाख बीएस-IV डीजल वाहन रजिस्टर्ड हैं। इन वाहनों को रोककर सरकार वायु गुणवत्ता को सुधार लाने का प्रयास कर रही है।
नियम उल्लंघन पर भारी जुर्माना
दिल्ली सरकार के द्वारा जारी प्रतिबन्ध नियमो का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194(1) के तहत नियम तोड़ने वालों पर ₹20,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार द्वारा जारी नियमो का पालन सख्ती से किया जाए इसी को देखते हुए निर्णय लिया गया है।